Saturday, March 13, 2010

सिला ...



आज  ख्याल  भर  से  निकाल  दिया  है  तुम्हे ... 

ना  और  सुकून  खोएंगे  हम .... 

जब  बुझ  जायेगी  शमा  हर  घर  में  आज  सोने  के  लिए ....

अपनी  हार  पे  ज़ार ज़ार  रोयेंगे  हम ....


इस  दोस्ती  का  सिला  जो  दिया  है  तुमने ...
ना  भूल  पायेंगे  कभी  हम ...
ना  दिल  को  अब  उड़ने  देंगे  खुले  आसमा  में ....
और  ना  ही  अब  क़ुबूल  करेंगे  दोस्ती  किसी  की ...
सीख  तुम्हारी  ना  भूलेंगे  हम ...
आंसुओ  से  वोह  सारी  यादे  मिटा  देंगे  हम ...

3 comments:

Unknown said...

nice 1...!!!

Preethy said...

Friends are the essentials,
But if tht1 friend whom we relied on made us Hurt,
Then the faith in friendship turns off....nice thought girl..but only one thing to say..All 5 fingers are not same...!! so dont loose faith in Friendship !!

संजय भास्‍कर said...

हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।