आँखों में तेरी है एक जादू ,
चेहरे पे है एक कशिश ,
दिल यह हो रहा मेरा बेकाबू
तुझे पाने की है कोशिश
नजाने कैसी यह चाहत है …
जाने कैसा सुरूर
तेरा ही नशा छाया है
तेरा ही मुझ को जूनून
एक आदत सि हो गयी है जैसे ,
तुझे देखे बिना चैन नहीं है
हर तरफ बस एक तेरी ही सूरत है
नजरो के सामने नहीं , फिर भी साथ हो
आस पास नहीं , फिर भी एक एहसास हो
रूह का सुकून , इबादत हो मेरी तुम
मेरी मंजिल ,साहिल हो मेरी तुम …
तुम्हारे बिना कहाँ जाऊंगा मैं ,
मेरा सरमाया हो …मेरा किनारा हो तुम …
4 comments:
gud one indeed...........:)
woooooowwwww,,,,,,,,bt ye tum hai kaun
is tumka jawaab mil jaata agar to main yahan thode hi hoti????
हर रंग को आपने बहुत ही सुन्दर शब्दों में पिरोया है, बेहतरीन प्रस्तुति ।
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